रतन टाटा के एक फोन कॉल ने बदल दी इस स्टार्टअप की किस्मत
कुछ साल पहले अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज ने रेपोस एनर्जी को शुरू किया था.
कुछ समय बाद ही उन्हें एहसास हुआ कि इसे आगे बढ़ाने के लिए किसी मेंटर की जरूरत है और वह मेंटर ऐसा है जिसने पहले भी इस दिशा में काम किया हो.
फिर दोनों के दिमाग में रतन टाटा का नाम आया.
इसके बाद रतन टाटा से मिलने के लिए इन दोनों ने रतन टाटा के घर के बाहर 12 घंटे तक इंतजार भी किया, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई.
थककर वह रात 10 बजे के करीब अपने होटल वापस आ गए, तभी उन्हें एक फोन कॉल आया.
दूसरे तरफ से फोन पर आवाज आई, “मैं रतन टाटा बोल रहा हूं. मुझे तुम्हारा लेटर मिला. क्या हम मिल सकते हैं?”
इसके बाद रतन टाटा द्वारा उनके स्टार्टअप को 2019 में पहला टोकन निवेश मिला और अप्रैल 2022 में दूसरा निवेश मिला।
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