गुडविल(Goodwill) – गुडविल क्या है?, गुडविल के फायदे, गुडविल कैसे बनाते हैं?, गुडविल की वैल्यूएशन, प्रभावित करने वाले कारक.
नमस्कार दोस्तों आज इस पोस्ट में हम एकाउंटिंग से जुडी Goodwill के बारे में बात करेंगे। इस पोस्ट में हम जानेंगे गुडविल क्या होती है? गुडविल का क्या महत्व है और इसके कुछ उदाहरण भी देखेंग। तो चलिए शुरू करते हैं।
गुडविल(Goodwill) क्या है?
गुडविल(Goodwill) किसी कंपनी का फिक्स्ड एसेट्स होती है जिसे बैलेंस शीट में Intangible Assets में दिखाया जाता है यानी ऐसे एसेट्स जिन्हें छुआ नहीं जा सकता।
इसे हम अपनी आंखों से देख तो नहीं सकते लेकिन इसका फायदा किसी कंपनी को जरूर होता है। इसकी अपनी एक वैल्यू होती है यानी कोई कंपनी इसे खरीद या बेच सकती है।
ये एक ऐसी चीज है जो ग्राहकों को अपने अच्छे नाम और विश्वसनीयता के आधार पर आकर्षित कर सकती है। यानी आप कह सकते हैं कि गुडविल(Goodwill) लोगों के बीच एक अच्छा नाम है, पहचान है और विश्वाश है।
Financial Statement में Goodwill की Entry
एक निवेशक के दृष्टिकोण से, हमें यह जानना चाहिए कि किसी भी कंपनी की गुडविल का मूल्य कैसे पता करें? तो इसका उत्तर है, कंपनी की बैलेंस शीट से।
क्योंकि गुडविल एक अमूर्त संपत्ति है, हम इसका मूल्य कंपनी की बैलेंस शीट पर Non – Current Assets से देख सकते हैं।
लेकिन यह भी जान लें कि गुडविल आपको मुख्य रूप से उन कंपनियों की बैलेंस शीट से मिलेगी जो कई सालों से चल रही हैं और वह भी तभी जब कंपनी अच्छे उत्पाद और सेवाएँ पेश करती हो।
गुडविल(Goodwill) के फायदे
किसी भी बिज़नेस के लिए गुडविल(Goodwill) के अनेक लाभ हैं। गुडविल(Goodwill) से एक बिज़नेस अपनी सेल्स बढ़ा सकता है और ऐसा करने ज्यादा प्रॉफिट कमा सकता है। आइए एक उदाहरण से इसे समझने की कोशिस करते हैं।
माना किसी जगह में कोई दुकान है जो लगभग साल भर पहले ही खुली है। इस दुकान के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। ऐसा होने से उस दुकान से सामान खरीदने केवल आसपास के लोग ही आते हैं। इसी वजह से ये दुकान साधारण प्रॉफिट कमा पाती है। अब इसी दुकान के पास एक और दुकान है जो 10 साल से चल रही है और अपनी क्वालिटी के कारण इसका एक अपना कस्टमर बेस है। इस दुकान का अपने ग्राहकों से अच्छा संबंध है और दूकान का अच्छा नाम भी है। ऐसा होने से ना केवल आसपास के लोग बल्कि दूर-दूर से भी कई दुकाने छोड़ कर लोग इस दुकान में आते हैं।
तो यह गुडविल(Goodwill) ही है जिस कारण लोग दूसरी दुकान में इतनी दूर से आते हैं। इस वजह से यह दुकान अतिरिक्त लाभ कमाती है जिसे सुपर प्रॉफिट भी कहा जाता है।
एक बार गुडविल(Goodwill) बन जाने के बाद किसी भी कंपनी को सेल्स के लिए बहुत ज्यादा प्रयास नहीं करना होता केवल प्रोडक्ट क्वालिटी में फोकस करना होता है और इसे लगातार इम्प्रूव करना होता है। ऐसा होने पर ग्राहक प्रोडक्ट या सर्विस से संतुष्ट होने लगते हैं और वो दुसरे लोगों को भी प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में बताते हैं और ऐसा होने पर उस कंपनी का प्रॉफिट और बढ़ जाता है।
गुडविल(Goodwill) कैसे बनाते हैं?
किसी भी कंपनी के गुडविल(Goodwill) अपने आप नहीं बन जाती है। इसके लिए किसी भी कंपनी को काफी मेहनत करनी होती है और समय देना होता है। इसके लिए कंपनी बहुत पैसा भी खर्च करती है, कंपनी अपनी सर्विस या प्रोडक्ट के लिए विज्ञापन में काफी पैसा खर्च करती है ताकि सर्विस या प्रोडक्ट की गुडविल बन सके। कंपनी अपने विज्ञापन डिजिटल मीडिया, टीवी, अख़बार, मैगज़ीन आदि के द्वारा करती है।
ऐसा करने से कंपनी एक ब्रांड बन जाती है और लोगों के बीच इसकी एक अच्छी छवि बन जाती है, लोगों का कंपनी के प्रोडक्ट और सर्विस पर विश्वाश बढ़ जाता है। यही किसी कंपनी की गुडविल(Goodwill) कहलाती है।
गुडविल की वैल्यूएशन किसे कहते हैं?
एकाउंटिंग में गुडविल की वैल्यूएशन तभी है जब उसकी कोई वैल्यू हो। जिस तरह बिज़नेस में जब कोई ट्रांसेक्शन होते हैं तभी हम उसे अकाउंट बुक में रिकॉर्ड करते हैं उसी तरह गुडविल(Goodwill) के लिए भी जब कोई अमाउंट दी जाती है या गुडविल(Goodwill) के बदले में कोई अमाउंट ली जाती है तभी हम उसे अकाउंट बुक में रिकॉर्ड करते हैं।
यानी जब किसी बिज़नेस को खरीदा जाता है तो उसके एसेट्स की जो वैल्यू होती है वह तो दे दी जाती है लेकिन इसके अलावा भी कुछ अमाउंट देना होता है यही अमाउंट वैल्यू ऑफ़ गुडविल कहलाती है। जो इस बिज़नेस को खरीदता है जब वो यह अमाउंट देता है तो उसे ऐसा कुछ नहीं मिलता जिसे वो छू या देख सकता है। इसके बाद भी वो इस अमाउंट को देने के लिए ख़ुशी-ख़ुशी तैयार रहता है। यह अमाउंट उस बिज़नेस की पहचान और नाम के लिए दिया जाता है इसे ही वैल्यू ऑफ़ गुडविल कहते हैं। कंपनी का नाम और पहचान होने के कारण कंपनी खरीदने वाला व्यक्ति या फर्म खरीदी जाने वाली कंपनी से भविष्य में साधारण से अच्छे प्रॉफिट की उम्मीद करता है।
इसी कारण गुडविल की वैल्यूएशन निकाली जाती है ताकि कंपनी की असली वैल्यू पता की जा सके।
गुडविल(Goodwill) को प्रभावित करने वाले कारक?
आइए अब गुडविल(Goodwill) को प्रभावित करने वाले कुछ फैक्टर्स की बात कर लेते हैं-
1 – लोकेशन
अगर बिज़नेस किसी ऐसी जगह है जहाँ कस्टमर बहुत आता है तो बिज़नेस की गुडविल वैल्यू बढ़ जाती है।
2 – बाजार की परिस्थिति
अगर किसी कंपनी की बाजार हिस्सेदारी अधिक है तो उसकी गुडविल वैल्यू भी बढ़ जाती है।
3 – मैनेजमेंट
किसी कंपनी के मैनेजमेंट से भी उसकी गुडविल वैल्यू प्रभावित होती है। अगर किसी बिज़नेस का मैनेजमेंट अच्छा है तो उसकी गुडविल वैल्यू बढ़ जाती है।
4 – प्रोडक्ट की क्वालिटी
अगर कोई कंपनी अच्छे प्रोडक्ट बना रही है तो उसकी सेल्स बढ़ जाती है जिस वजह से कंपनी की गुडविल वैल्यू भी बढ़ जाती है।
5 – आफ्टर सेल्स सर्विसेज
अगर कोई बिज़नेस सेल्स होने के बाद भी अच्छी सर्विस देना जारी रखता है तो उसकी गुडविल वैल्यू अच्छी होती है लेकिन दूसरी ओर अगर कोई बिज़नेस सेल्स होने के बाद अच्छी सर्विस नहीं दे रहा है तो उसकी गुडविल वैल्यू भी गिर जाती है क्योंकि लोगो के बीच उस कंपनी का नाम खराब हो जाता है।
6 – विज्ञापन
विज्ञापन द्वारा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचकर भी गुडविल वैल्यू को बेहतर किया जा सकता है।
7 – ट्रेडमार्क और कॉपीराइट
अपने ब्रांड का ट्रेडमार्क और कॉपीराइट लेने से नकली प्रोडक्ट बनने और आपके ब्रांड का गलत उपयोग होने से बचा जा सकता है। आपके ब्रांड का ट्रेडमार्क और कॉपीराइट होने पर आपके बिज़नेस की गुडविल वैल्यू भी बढ़ जाती है।
उम्मीद करते हैं अब आप किसी कंपनी के गुडविल(Goodwill) के बारे में सबकुछ समझ चुके होंगे। अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी तो इस पोस्ट को शेयर करना बिल्कुल ना भूलें।