1990 में MRF के शेयर का प्राइस कितना था?

1990 में MRF के शेयर का प्राइस – MRF शेयर Analysis, MRF के शेयर का सफर (Story of MRF Share)

1990 में MRF के शेयर का प्राइस

1990 में MRF के शेयर का प्राइस क्या था? यह एक ऐसा सवाल है जो अक्सर पूछा जाता है।

यह सवाल इतना ज्यादा पूछे जाने के पीछे एक पोते की कहानी है जिसे अपने दादाजी से ₹ 130 करोड़ विरासत में मिले थे।

कुछ साल पहले, ‘ज़ी बिजनेस’ का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक निवेशक के पास MRF के 20,000 शेयर थे जो उसके दादा ने 1990 में खरीदे थे। यह सवाल करते समय इन शेयरों कि वैल्यू लगभग 130 करोड़ रुपये हो चुकी थी।

1990 में MRF के शेयर का प्राइस

साल 2022 में MRF के शेयर का प्राइस 85,000 को पार कर गया है।

हम जिस वीडियो की बात कर रहे हैं वो ये हैं-

तो 1990 में MRF स्टॉक की कीमत कितनी थी?

इस पर ज्यादा स्पष्टता तो नहीं है क्योंकि 1995 से पहले के ऐतिहासिक आंकड़े बहुत कम हैं। हालांकि, बिजनेस टुडे के अनुसार अप्रैल 1993 में MRF के शेयर का प्राइस ₹ 11 प्रति शेयर था।

MRF का शेयर पावर ऑफ़ कम्पाउंडिंग का एक परफेक्ट उदाहरण है। इसके अलावा MRF का शेयर ये भी बताता है की अगर किसी अच्छी कंपनी के शेयर में निवेश को लम्बे समय तक बना कर रखा जाए तो वो आपको कितना प्रॉफिट दे सकता है।

MRF के शेयर का प्राइस
1999 के बाद से MRF के शेयर का प्राइस, Pic Credit – Google

अब जरा सोचिए कि कितने उतार-चढ़ाव के बाद यह शेयर इस मुकाम पर पंहुचा होगा। आइए देखते हैं इस शेयर ने कितने स्टॉक मार्केट क्रैश का सामना किया है-

  • 1992 में हर्षद मेहता के समय हुआ घोटाला।
  • डॉट-कॉम बबल
  • 2008 का वित्तीय संकट
  • कोरोना वायरस मार्केट क्रैश

इन स्टॉक मार्केट क्रैश के दौरान MRF के शेयर में भी बहुत ज्यादा गिरावट आयी लेकिन इसने बाउंस बैक भी कुछ ऐसा ही किया। इन मार्केट क्रैश के दौरान कुछ स्माल और मिड कैप कंपनियां तो ऐसी थी जो 50 से 70% तक गिर गयी और कुछ का तो वजूद ही खत्म हो गया। इसलिए कहते हैं हमेशा क्वालिटी शेयर में निवेश करें।

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आगे बढ़ने से पहले आपको MRF का पूरा नाम भी बता दें, MRF का पूरा नाम है मद्रास रबर फैक्ट्री (Madras Rubber Factory).

MRF के शेयर में आज तक स्टॉक स्प्लिट या बोनस शेयर जारी नहीं किए गए हैं और शायद यही कारण है की MRF आने वाले कुछ सालों में भारत की 1 लाख रुपए प्रति शेयर को पार करने वाली पहली कंपनी बन जाये।

MRF के शेयर का सफर | Story of MRF Share

तो अभी तक हमने देखा की साल 1900 और उसके आस-पास MRF के शेयर का प्राइस कितना था। चलिए अब उसके आगे की बात करते हैं।

जनवरी 2000 में MRF का एक शेयर का प्राइस लगभग ₹2500 था। यह प्राइस डॉट-कॉम बबल फटने से पहले का है।

2000 – 2001 में डॉट-कॉम बबल के कारण जब मार्केट क्रैश हुआ तो 17 अक्टूबर 2001 को MRF के शेयर का प्राइस ₹401 प्रति शेयर के निचले स्तर तक गिर गया था। इस क्रैश के दौरान केवल 18 महीनों में MRF का शेयर 83% गिर चूका था।

आसान शब्दों में समझें तो अगर आपने जनवरी 2000 में MRF में 1 लाख का निवेश किया होता, तो 17 अक्टूबर 2001 तक आपके पास आपका निवेश केवल 17,000 हो गया होता। और अगर ऐसे समय में आपने घबराकर इस शेयर को बेच दिया होता तो आपको बहुत पछतावा होता क्योंकि इसके बाद MRF के शेयर में लगातार ग्रोथ देखने को मिली।

आइये इसके बाद MRF के शेयर के सफर पर एक नज़र डालते हैं-

मार्च 2005 में इसने 3000 का लेवल पार किया, इसके 2 साल बाद 2007 में यह दोगुना होकर 6000 का लेवल पार कर गया। सितम्बर 2010 में इसने 9000 का लेवल छुआ और दिसम्बर 2013 में 20000 पर पहुंच गया।

इसके २ साल बाद जनवरी 2015 में 40000 पर पहुंच गया और फिर अप्रैल 2018 में 80000 पर पहुंच गया।

इसके बाद 11 फ़रवरी 2021 में यह शेयर अपने अब तक के आल टाइम हाई 98599 रुपए के लेवल पर पहुंच गया और 1 लाख का लेवल टच करने से केवल कुछ पॉइंट्स से रह गया।

MRF शेयर से प्रॉफिट या लॉस?

MRF दुनिया की नंबर 1 टायर कंपनी है जिसकी शुरुआत 1946 में हुई थी यानी भारत देश के आज़ाद होने से भी पहले।

मार्केट में आने के बाद MRF के शेयर में कई उतार-चढ़ाव आए जो सभी कंपनी के शेयर में आते हैं। इस दौरान कुछ निवेशकों को भारी नुकसान भी हुआ, ऐसे निवेशक जिन्होंने पीक टाइम पर शेयर को खरीदा और क्रैश के दौरान जब शेयर 70 से 80% तक गिर गया तो घबराकर बेच दिया और होल्ड नहीं किया।

इसी समय पर कुछ ऐसे निवेशक थे जो क्रैश के दौरान घबराए नहीं और शेयर को होल्ड किया और जब शेयर ने बाउंस बैक किया तो शानदार प्रॉफिट भी कमाया।

कुछ ऐसे भी निवेशक थे जिन्होंने हर बार स्टॉक क्रैश होने पर अपनी होल्डिंग बढ़ा दी या फिर फ्रेश लोट लिया और ऐसे निवेशकों को सबसे ज्यादा प्रॉफिट हुआ।

जरा सोचिए 1990 में जिस निवेशक ने MRF के शेयर Buy किए थे अगर वो TV पर बैठकर अपने आप को एक्सपर्ट बोलने वाले की बात सुनकर 80 या 100% का प्रॉफिट बुक कर शेयर को बेच देता तो उसे कितना नुकसान होता। मैं यहाँ पर लालच की बात नहीं कर रहा हूँ। बल्कि बस इतना कहना चाहता हूँ की अगर आपको किसी कंपनी पर विश्वाश है, आपने उस पर अच्छी रिसर्च की हुई है तो किसी की भी बातों में आकर एग्जिट ना लें। आपका टारगेट पूरा होने के बाद ही एग्जिट लें फिर चाहे वो शार्ट टर्म टारगेट हो या लॉन्ग टर्म।

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MRF के शेयर से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब

साल 2000 में MRF के शेयर का प्राइस क्या था?

साल 2000 में MRF के शेयर का प्राइस लगभग 2500 रुपए था।

क्या MRF के शेयर में स्टॉक स्प्लिट हुआ है?

अपने आपको सबसे अलग और सबसे ज्यादा प्राइस वाला शेयर बनाए रखने के लिए MRF में अभी तक स्टॉक स्प्लिट नहीं हुआ है।

MRF कंपनी के मालिक का नाम क्या है?

MRF कंपनी के मालिक का नाम के.एम. मम्मन मपिल्लई है।

MRF के शेयर इतना महंगा क्यों है?

MRF के शेयर में आज तक कोई भी स्टॉक स्प्लिट नहीं हुआ है, इसीलिए MRF का शेयर इतना महंगा है।

MRF की Full Form यानी पूरा नाम क्या है?

MRF का पूरा नाम है मद्रास रबर फैक्ट्री (Madras Rubber Factory) है.

उम्मीद करता हूँ आपको MRF के शेयर का सफर पसंद आया होगा, आपका MRF के शेयर पर क्या विचार है, हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा, धन्यवाद।

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